ROM कंप्यूटर की मुख्य (Main) अथवा प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) होती है! जिसका पूरा नाम Read Only Memory होता है! इसे प्राइमरी मेमोरी भी कहते है! यह सिलिकान से बनी एक सेमिकंडक्टर चिप होती है! जिसमे डेटा व प्रोग्राम्स स्थायी तौर पर स्टोर होते हैं! ROM एक Non Volatile Memory है!
इसके नाम से ही यह पता चलता है की इसमे स्टोर डेटा को सिर्फ पढ़ा जा सकता है! इसे Edit या Delete नही किया जा सकता है|
यह एक स्थाई मेमोरी(Permanent Memory) है! जिसमे स्टोर डाटा बिजली न होने या कंप्यूटर के अचानक से बंद हो जाने से भी नष्ट नही होते है! तथा डाटा ज्यों के त्यों बने रहते है मिटते नही है !
Computer के Motherboard के निर्माण के समय में ही रोम में कुछ छोटे-छोटे प्रोग्राम को इन्स्टाल कर दिया जाता है! जैसे -POST (Power on self Test), BIOS (Basic Input output System)! जो कंप्यूटर के ऑन होने पर ही Input Device और Output Device को टेस्ट और नियंत्रित रखता है! और कोई समस्या आने पर यूजर को Alert भी करता है|
ROM के उपयोग | Use of ROM in Hindi
रोम के उपयोग कई हो सकते हैं, जैसे:
- आपरेटिंग सिस्टम: कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में, ROM में आपरेटिंग सिस्टम को संग्रहीत किया जाता है! जब आप अपने कंप्यूटर को चालू करते हैं! तो आपरेटिंग सिस्टम ROM से लोड होता है और स्थायी मेमोरी में चलाने के लिए तैयार होता है।
- फर्मवेयर: ROM में फर्मवेयर (firmware) संग्रहीत किया जाता है! फर्मवेयर संकलित निर्देशों का एक सेट होता है! जो किसी डिवाइस या कंप्यूटर को कैसे काम करना चाहिए उसे बताता है! यह फर्मवेयर कंपनी द्वारा प्रदान किया जाता है! और इसे अद्यतित किया जा सकता है, लेकिन आमतौर पर उपयोगकर्ता द्वारा लिखा नहीं जा सकता है।
- बूटलोडर: रोम में बूटलोडर संग्रहीत होता है, जो आपके कंप्यूटर या उपकरण को चालू करने के लिए जरूरी होता है! बूटलोडर कंप्यूटर के मेमोरी में संग्रहीत होता है और शुरुआती प्रोसेस शुरू करने के लिए उपयोग होता है।
- सुरक्षा: रोम में संग्रहीत जानकारी सुरक्षित रहती है क्योंकि इसे बदला नहीं जा सकता है! यह डेटा को सुरक्षित रखता है, जिससे अनचाहे या दुर्घटनाग्रस्त परिवर्तनों से बचाया जा सकता है।
ROM के प्रकार | Type of ROM in Hindi
रोम के कई प्रकार होते हैं। यहां कुछ प्रमुख रोम के प्रकार हैं:
- PROM (Programmable Read-Only Memory): PROM एक प्रकार का ROM है जिसे यूजर एक बार प्रोग्राम कर सकता है! PROM को प्रोग्राम करने के बाद उसे आगे नहीं बदला जा सकता है।
- EPROM (Erasable Programmable Read-Only Memory): EPROM एक प्रकार का रोम है!! जिसे यूजर प्रोग्राम कर सकता है और यदि जरूरत पड़ी तो उसे मिटा भी सकता है! इसके लिए यूजर को उच्च विकिरण (जैसे उल्ट्रा वायलेट) के तहत EPROM को मिटाना पड़ता है! इसके बाद पुनः प्रोग्राम करने की सुविधा नहीं होती है।
- EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read-Only Memory): EEPROM भी प्रोग्राम करने और मिटाने के लिए उपयोगी होती है! लेकिन इसे इलेक्ट्रिकल विद्युत संकेतों के माध्यम से मिटाया जा सकता है।
- Mask ROM: Mask रोम पहले से ही प्रोग्राम की जाती है और इसे उपयोगकर्ता द्वारा नहीं बदला जा सकता है! इसे उत्पादन प्रक्रिया के दौरान निर्माता कंपनी द्वारा प्रोग्राम किया जाता है।
- Flash ROM: Flash रोम एक प्रकार का EEPROM है जिसे बदला जा सकता है! इसे संग्रहीत डेटा को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किया जाता है! और यह उपयोगकर्ता द्वारा प्रोग्राम करने और मिटाने की सुविधा प्रदान करती है यह सामान्यतः कंप्यूटर के BIOS और मोबाइल फोनों के ऑपरेटिंग सिस्टम में उपयोग होती है।
- ये केवल कुछ प्रमुख ROM के प्रकार हैं और भी कई विभिन्न प्रकार के रोम उपलब्ध हैं! जो विभिन्न आवश्यकताओं के अनुसार बनाए गये हैं।
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