
हेल्लो दोस्तों आज तक आप लोगो ने कोरोना वायरस के बारे में तो बहुत सुना है! चलिए आज मै आप लोगो को कंप्यूटर वायरस के बारे में बताती हूँ! जो लोग कंप्यूटर चलाते हैं वो कंप्यूटर वायरस का नाम तो जरुर सुने होंगे! और ये भी जानते होंगे की Virus अगर कंप्यूटर में आ जाये तो कंप्यूटर के सारे डाटा को खत्म कर देता है! आज हम Virus के बारे में पूरी तरह से जानकरी प्राप्त करेंगे! Virus क्या होता है, कितने प्रकार का होता है और आपके कंप्यूटर को किस प्रकार से नुकसान पंहुचा सकता है!
Computer Virus क्या होता है?
जिस प्रकार से मनुष्य के शरीर के अन्दर अगर कोई Virus आ जाये तो उसे बहुत तरह की बीमारीयाँ जकड़ लेती हैं! और मनुष्य को बहुत परेशानी होती है! उसी प्रकार अगर कंप्यूटर के अन्दर भी Virus आ जाये तो कंप्यूटर में भी अनेक प्रकार की Problems हो सकती है! Virus एक हानिकारक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है! जो कंप्यूटर के डेटा को पूरी तरह से नष्ट कर देता है!
“VIRUS” का पूरा नाम “Vital Information Resource Under Seized” (वाइटल इनफार्मेशन रिसोर्सेज अंडर सीज) है! इसका नाम इसकी क्रिएटर जार्जिया ने रखा था।
Virus का काम कंप्यूटर के डेटा को चुराना नुकसान पहुचाना और उसे Modify करना होता है! Virus के पास अपनी खुद की कॉपी को उत्पन्न करने की क्षमता होती है! इसलिए वह एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में आसानी से प्रवेश कर सकता है! Virus खुद से ही एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में फैलता है इसलिए इसे Self Replicating Program भी कहते हैं!
कंप्यूटर वायरस का मुख्य काम कंप्यूटर के कार्य करने की क्षमता को स्लो करना है! यूँ कह सकते हैं की Virus को बनाया ही गया है कंप्यूटर को नुकसान पहुचने के लिए!
वायरस के प्रकार:-
कंप्यूटर वायरस कई प्रकार के होते हैं जो विभिन्न तरीकों से कंप्यूटर सिस्टमों को प्रभावित करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख प्रकार के कंप्यूटर वायरस हैं:
1. Boot Sector Virus:-
यह एक ऐसा Virus है जो Master boot Record को Infect करता है! और इसे निकाल पाना बहुत ही मुश्किल काम होता है! अक्सर इन्हें निकलने में सिस्टम को फॉर्मेट करना पड़ता है! ये मुख्य रूप से Removable Media के द्वारा फैलता है!
2.Trojan Horse:-
यह भी एक खतरनाक प्रोग्राम होता है! जो किसी अच्छे सॉफ्टवेर का भेस बनाकर आपके कंप्यूटर में घुसता है! एक बार अन्दर आने के बाद ये आपके डेटा को चुराने और कंप्यूटर को नुकसान पहुचाने जैसा काम करता है!
3. वर्म (Worm):-
यह Virus अपने आप को स्थानांतरित करता है, आमतौर पर नेटवर्क के माध्यम से, और अन्य कंप्यूटरों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है।
4. स्पाईवेयर (Spyware):-
यह Virus उपयोगकर्ता की गतिविधियों को ट्रैक करता है और निजी जानकारी चोरी करता है।
5. रैंसमवेयर (Ransomware):-
आज के समय में सबसे खातरनाक श्रेणी का Virus माना जाता है! ये Virus आपके कंप्यूटर के फाइल्स को लॉक कर देता है! उसके बाद आपको फिर से फाइल खोलने के लिए पैसे देने होते हैं!
ये केवल कुछ उदाहरण हैं, और आजकल और भी अनेक प्रकार के कंप्यूटर वायरस मौजूद हैं।
Malware क्या है ?
इसका पुआ नाम Malicious Software है! यह भी एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है! जो की कंप्यूटर को हानि पहुँचाता है! Malicious Software का मतलब ही है ख़राब सॉफ्टवेयर! अगर ये एक बार आपके कंप्यूटर में आ गया तो आपके कंप्यूटर को पूरी तरह से ख़राब कर सकता है! Malware भी एक वायरस का ही नाम है ये धीरे धीरे कंप्यूटर के देता को पूरी तरह से खत्म कर देता है!
कंप्यूटर में वायरस कैसे फैलता है?
हमारे कंप्यूटर में वायरस बहुत सी जगहों से आ सकता है! और आज कल सबसे ज्यादा Use होने वाला कोई Source है तो वो है Internet! आइये जानते हैं की इंटरनेट से वायरस हमारे कंप्यूटर में कैसे प्रवेश करता है!
इंटरनेट के माध्यम से बहुत से वायरस फैलते हैं! यूजर के अज्ञानता या लापरवाही के कारण, वे अपडेट नहीं किए गए सॉफ़्टवेयर, फिशिंग ईमेल, मैलवेयर से भरे वेबसाइट्स, या अन्य ऑनलाइन स्रोतों के माध्यम से अपने सिस्टम में वायरस ले आते हैं!
ये तो थी ऑनलाइन वायरस की जानकारी की हमारे ऑनलाइन वायरस कैसे आते हैं! अब हम जानेंगे की हमारे कंप्यूटर में वायरस ऑफलाइन कैसे आते हैं!
हम अपने कंप्यूटर में Pendrive, CDs और DVDs का इस्तेमाल करते हैं! हम डेटा लेने के लिए दूसरे जगह से Pendrive और CDs लगाते हैं! उससे भी हमारे कंप्यूटर में वायरस आ जाते हैं! और कंप्यूटर में मौजूद सरे डेटा को खत्म कर देते हैं!
संक्रमित कंप्यूटर के लक्षण:-
कैसे जाने की आपका कंप्यूटर Virus से Infected है या नहीं! मै आप लोगो को निचे संक्रमित कंप्यूटर के कुछ Signs बताने जा रही हूँ! जो हर कंप्यूटर यूजर को पता होना चाहिए!
- Virus Infected कंप्यूटर के Speed में काफी गिरावट आ जाती है! कंप्यूटर काम करना बहुत स्लो कर देता है! और Program System अक्सर Crash हो जाता है!
- कंप्यूटर के स्क्रीन पर Pop-Up आने लगते हैं!
- अपने आप नए प्रोग्राम, नए ब्राउज़र install होने लगते हैं!
- और संक्रमित कंप्यूटर Update नहीं हो सकता है!
- कोई भी फाइल या फोल्डर का अपने आप Delete होना भी संक्रमित कंप्यूटर लक्षण है!
अगर आपके कंप्यूटर में इनमे से कोई भी लक्षण हैं तो हो सकता है की आपका कंप्यूटर भी वायरस से Infected हो ! तो तुरंत अपने कंप्यूटर में Antivirus Software Install करके Scan कर लें!
कंप्यूटर को वायरस से कैसे बचाएं?
मै आप लोगो को कुछ ऐसे Tips बताने जा रही हूँ जिससे आप लोगो को ऑनलाइन कम्यूटर वायरस से बचने में आसानी होगी! Tips को जरूर Follow करना चाहिए!
क्या करना चाहिए?
- एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल करें और नियमित रूप से अपडेट करें। यह सॉफ़्टवेयर वायरस को पहचानने में मदद करता है।
- अपने Operating System, Browser, Apps, और Antivirus Software को समय-समय पर Update करें।
- अनजान ईमेल और लिंक से सावधान रहें! विशेष रूप से फाइलों को डाउनलोड करने से पहले उनकी जाँच कर लें! और Untrusted Website पर न जाएँ
- अपने महत्वपूर्ण डेटा का नियमित रूप से बैकअप बनाएं और बैकअप को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करें। यदि कोई वायरस आपके सिस्टम को प्रभावित करता है, तो बैकअप से आप अपने डेटा को वापस प्राप्त कर सकते हैं।
क्या नहीं करना चाहिए ?
इन उपायों का पालन करके, आप अपने कंप्यूटर को वायरस से बचा सकते हैं और अपनी सुरक्षा को मजबूत बना सकते हैं।
- किसी भी Unsolicited Executable files, Documents, Spreadsheet को बिना स्कैन किये खोलने की कोशिश ना करें!
- Untrusted Websites से Document या Executable Software Download न करें!
- कभी भी किसी Email Attachment को न खोलें! अगर आपको उस सेंडर के बारे में जानकारी न हो!
- ऐसे Ads जो आपको लालच देते हों की यहाँ पर क्लिक करो और Lotry जीतो तो ऐसे Ads पर कभी क्लिक न करें!
कंप्यूटर वायरस का इतिहास:-
कंप्यूटर वायरस का इतिहास बहुत ही रोचक है और यह कैसे विकसित हुआ और प्रसारित हुआ है, इसे समझना महत्वपूर्ण है। यहां कंप्यूटर वायरस के मुख्य इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं की चर्चा की गई है:
1971 में Robert Thomas ने सबसे पहले कंप्यूटर वायरस को Design किया था! Robert Thomas एक इंजिनियर थे! वो उस समय BBN Technologies में काम करते थे!
जिस वायरस को Robert Thomas के द्वारा Design किया गया था! उसका नाम Creepar Virus था! यह एक प्रकार का प्रोग्राम था जिसे कंप्यूटर को नुकसान पहुचने के लिए बनाया गया था!
1982 में Rechard Skrenta के द्वारा EIK Cloner vairus को डिजाईन किया गया था! जो ऑपरेटिंग सिस्टम को Infect करता था! उस समय इन सभी Programs को Malicious Program के नाम से भी जाना जाता है!
लेकिन 1983 में Fred Cohen के द्वारा इन सभी Malicious Program को कंप्यूटर वायरस कहा गया! तब से इन प्रोग्रामो को कंप्यूटर वायरस के नाम से जाना जाने लगा!
निष्कर्ष(Conclusion):-
हेल्लो दोस्तों आज आप लोगो ने इस पोस्ट में सिखा की अपने कंप्यूटर को वायरस से कैसे बचा सकते हैं! और पता लगा सकते हैं की आप लोगो के कंप्यूटर में वायरस है या नही! तो दोस्तों अगर आप लोगो को ये पोस्ट उपयोगी( Usefull) लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें! और कमेंट करके हमे अपना Experience जरुर बताएं!
धन्यवाद/ Thanks
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